केंद्र सरकार कंही जनता को आरक्षण के नाम पर लॉलीपॉप तो नहीं पकड़ा रही
केंद्रीय कैबिनेट ने गरीब सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने का किया फैसला
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केंद्र की मोदी सरकार ने कल बड़ा फैसला करते हुए समाज में आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देने का एलान किया है. राजनीतिज्ञ विशेषज्ञ इसे 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले मोदी सरकार का मास्टर स्ट्रोक कह रहे हैं. तो वंही कुछ लोग ऐसे भी हैं जिनका मानना है कि तीन बड़े राज्यों की हार ने बीजेपी को सर से लेकर पैर तक हिला दिया है. जिसके चलते उन्हें कुछ नया करना पड़ा. राम मंदिर तो उनसे बनने से रहा. आरक्षण हटा सकते नहीं तो सोचा कुछ नया करते हैं.
अब देखने वाली बात ये होगी जब सविंधान संशोधन बिल सदन के पटल पर रखा जाएगा. तब पता चलेगा कि आरक्षण किसे और कैसे देंगे.
मोटा-मोटी समझने की कोशिश करें तो सविंधान में संशोधन लाकर अनुच्छेद 15-16 में बदलाव किया जाएगा .अब इस आरक्षण को लेकर कई तरह के सवाल उठते हैं. सवर्ण मुसलमानों में भी होते हैं. क्या उन्हें भी इस आरक्षण में रखना है या नहीं ? अल्पसंख्यक का दर्जा प्राप्त संस्थानों में ये आरक्षण लागू होगा या नहीं ?
ऐसे तमाम सवाल हैं जिनका उत्तर आज नहीं तो कल जनता के सामने आ ही जाएगा. पर देखने वाली बात ये भी है कि कोई भी राजनीतिक दल इस बिल के विरोध में बोलेगा या नहीं. क्योंकि ऐसा करने पर सवर्णों का वोट बैंक जाने का खतरा है . अब लगभग सभी पार्टियों के लिए चिंता का विषय यही बना रहेगा कि इस बिल का विरोध करें तो कैसे. जो भी हो पर केंद्र सरकार के लिए इस बिल को पास कराना आसान नहीं होगा. पहले लोकसभा है फिर राज्यसभा उसके बाद राज्यों की विधानसभा फिर अदालत और इन सब के बीच चुनाव तो होते ही रहेंगे.