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झारखंड में कोरोना से मरने वालों के शव ले जाने का अधिकतम किराया हुआ तय, हेमंत सरकार ने दिया आदेश

झारखंड में कोरोना से मरने वालों के शवों को ले जाने के लिए सिविल सर्जन को उपलब्ध कराये गये हैं मोक्ष वाहन.

रांची डेस्क: झारखंड में कोरोना के संक्रमण से होने वाली मौतों के बाद शव ले जाने के लिए होने वाली मनमानी पर सरकार ने रोक लगा दी है. झारखंड सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने शव वाहन का अधिकतम किराया 500 रुपये तय कर दिया है. स्वास्थ्य विभाग ने एक आदेश में कहा है कि कोरोना से मौत के मामले में अक्सर देखा गया है कि निजी अस्पताल और प्राइवेट एंबुलेंस के चालक और मालिक मृतक के निकट परिजनों से मनमाना किराया वसूल रहे थे. इस मामले में मनमानी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी.

झारखंड सरकार के स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग ने बुधवार को जारी अपने आदेश में कहा है कि कोई भी निजी अस्पताल या एंबुलेंस का संचालन करने वाला व्यक्ति या संस्था कोरोना से मरने वालों के शव ले जाने के लिए मनमाना किराया नहीं वसूल पायेंगे. विभाग ने कोरोना के इलाज की तरह शव ले जाने के लिए भी किराया तय कर दिया है. स्वास्थ्य विभाग ने कहा है कि कोई भी शव वाहन 500 रुपये से अधिक चार्ज नहीं करेगा.

हालांकि, इसमें कुछ अन्य खर्चों को भी जोड़ा गया है. आदेश के मुताबिक, अस्पताल ड्राइवर के लिए पीपीई किट की कीमत 700 रुपये ले सकेंगे. यदि मृतक के परिजन पीपीई किट उपलब्ध करवाते हैं, तो उसका चार्ज अस्पताल उनसे नहीं ले सकेंगे. संबंधित अस्पताल की जिम्मेदारी होगी कि वह शव ले जाने वाले वाहन को सैनिटाइज करवाये. इसके लिए अधिकतम 200 रुपये परिजनों से अस्पताल चार्ज करेंगे.

स्वास्थ्य विभाग ने कहा है कि 10 किलोमीटर की दूरी तक यदि शव ले जाना है, तो गाड़ी का किराया अधिकतम 500 रुपये ही होगा. यदि शव को इससे ज्यादा दूर ले जाना है, तो 10 किलोमीटर के बाद प्रति किलोमीटर 9 रुपये की दर से ट्रांसपोर्टेशन चार्ज मृतक के परिजन को देना होगा. जाने और आने दोनों का खर्च मृतक के परिजनों को वहन करना होगा.

जिला प्रशासन 24 घंटे में करेगा दाह संस्कार

यदि कोरोना से हुई मौत के मामले में मृतक का परिजन शव लेने नहीं आता है या शव पर दावा नहीं करता है, तो जिला प्रशासन 24 घंटे के अंदर कोविड-19 के मानकों का पालन करते हुए शव का अंतिम संस्कार करवायेगा.

 

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