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झारखंड में प्राइवेट हॉस्पिटल की मनमानी खत्म, अधिकतम रेट तय, अपने जिले का खर्च जाने

रांची में आईसीयू और वेंटिलेटर सपोर्ट मरीज से 18 हजार अधिकतम ले पाएंगे निजी अस्पताल, अभी हर दिन ले रहे 40 से 60 हजार रुपए

रांची डेस्क: कोरोना के इलाज के नाम पर प्राइवेट अस्पतालों की मनमानी अब नहीं चलेगी. झारखंड सरकार ने कोरोना के इलाज की अधिकतम सीमा तय कर दी है. किसी भी अस्पताल को मरीज से तय सीमा से अधिक रुपये चार्ज करने का अधिकार नहीं होगा. हां, अस्पताल चाहें, तो उससे कम में मरीजों का इलाज कर सकते हैं.

स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा और परिवार कल्याण विभाग ने निजी अस्पतालों में कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए दर तय कर दी है. कोरोना संक्रमित और रिम्स में इलाज करा रहे स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने इसकी जानकारी दी है. A कैटेगरी में रांची, पूर्वी सिंहभूम, धनबाद और बोकारो जिला को रखा गया है. B कैटेगरी में हजारीबाग, पलामू, देवघर, सरायकेला, रामगढ़ और गिरिडीह को रखा गया है. वहीं C कैटेगरी में शेष 14 जिलों को शामिल किया गया है.

निजी अस्पतालों को दो वर्गों में बांटा गया है. एक है नेशनल एक्रीडिटेशन बोर्ड फॉर हॉस्पिटल्स एंड हेल्थ केयर प्रोवाइडर यानी एनएबीएच और दूसरा है गैर मान्यता प्राप्त एनएबीएच. ए कैटेगरी वाले जिलों के मरीज अगर एनएबीएच अस्पताल में भर्ती होते हैं और एसिंप्टोमेटिक पाए जाते हैं तो 6000 हजार देने होंगे. मॉडरेट इलनेस पर 10 हजार रु, सीवियर इलनेस पर 15 हजार और वेंटिलेटर सपोर्ट की स्थिति में 18 हजार रुपए देने होंगे. यानी अगर एसिंप्टोमेटिक मरीज जो 1 कैटेगरी वाले जिले का होगा और 10 दिन में ठीक हो जाएगा तो उसको सिर्फ 60 हजार रु देने होंगे.

ए कैटेगरी वाले नॉन एनएबीएच मान्यता प्राप्त निजी अस्पताल में इलाज कराने पर दर अलग होगा. एसिंप्टोमेटिक को 5500, मॉडरेट को 8000, सीवियर इलनेस होता है तो 13000 और वेंटिलेटर सपोर्ट की स्थिति में 15000 रुपए देने होंगे. इसी तरह बी कैटेगरी और सी कैटेगरी के जिलों के लिए 4 पेज में मरीज के लक्षण के आधार पर अलग-अलग रेट तय कर दिया गया है. बी-कैटेगरी वाले जिले का कोरोना संक्रमित मरीज अगर एसिंप्टोमेटिक होगा और उसका इलाज 10 दिन तक चलेगा तो उसे अधिकतम 55000 देने होंगे. इसी तरह सी कैटेगरी जिले एसिंप्टोमेटिक मरीज को 10 दिन के इलाज पर अधिकतम 50000 रु देने होंगे. अन्य राज्यों के निजी अस्पतालों में लागू दर के अध्ययन के आधार पर इसे बनाया गया है. इसे लेकर सभी निजी अस्पतालों को स्वास्थ्य विभाग की ओर से सूचित कर दिया गया है.

दरअसल, निजी अस्पतालों में कोरोना के इलाज के नाम पर मोटी रकम वसूलने के आरोप लग रहे थे. इसे ध्यान में रखते हुए सरकार ने इलाज का दर निर्धारित करने का फैसला लिया था, जिसे अमलीजामा पहना दिया गया है. स्वास्थ्य मंत्री ने स्पष्ट कहा है कि अगर इसके बाद भी निजी अस्पताल की तरफ से मनमानी की जाती है और उन्हें शिकायत मिलती है तो संबंधित अस्पताल के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

ऐसे हुए जिलों का बंटवारा

1. ए श्रेणी के जिले- रांची, पूर्वी सिंहभूम, धनबाद एवं बोकारो.

अस्पताल की श्रेणी सामान्य मरीज मॉडरेट सीवियर अति गंभीर
एनएबीएच मान्यता प्राप्त 6000 (पीपीई सहित) 10000 (पीपीई सहित) 15000 (पीपीई सहित) 1800 (पीपीई सहित)
गैर एनएबीएच मान्यता प्राप्त 5500 (पीपीई सहित) 8000 (पीपीई सहित) 13000 (पीपीई सहित) 15000 (पीपीई सहित)

2. बी श्रेणी के जिले- हजारीबाग, पलामू, देवघर, सरायकेला, रामगढ़ एवं गिरिडीह.

अस्पताल की श्रेणी सामान्य मरीज मॉडरेट सीवियर अति गंभीर
एनएबीएच मान्यता प्राप्त 5500 (पीपीई सहित) 8000 (पीपीई सहित) 12000 (पीपीई सहित) 14400 (पीपीई सहित)
गैर एनएबीएच मान्यता प्राप्त 5000 (पीपीई सहित) 6400 (पीपीई सहित) 10400 (पीपीई सहित) 12000(पीपीई सहित)

3. सी श्रेणी – चतरा, दुमका, गढ़वा, गोड्डा, गुमला, जामताड़ा, खुंटी, कोडरमा, लातेहार, लोहरदगा, पाकुड़, साहेबगंज, सिमडेगा एवं पश्चिमी सिंहभूम.

अस्पताल की श्रेणी सामान्य मरीज मॉडरेट सीवियर अति गंभीर
एनएबीएच मान्यता प्राप्त 5000 (पीपीई सहित) 6000 (पीपीई सहित) 9000 (पीपीई सहित) 10800 (पीपीई सहित)
गैर एनएबीएच मान्यता प्राप्त 4000 (पीपीई सहित) 4800 (पीपीई सहित) 7800 (पीपीई सहित) 9000(पीपीई सहित)

टेस्ट का भी दर निर्धारित

आदेश में कहा गया है गया कि निजी अस्पताल में भर्ती मरीजों के प्रतिदिन किए जानेवाले सामान्य टेस्ट निर्धारित दर पर ही किए जाएंगे। हालांकि 90 प्रतिशत मामलों में कुछ टेस्ट और इलाज लगातार किया जाना होता है। इसके लिए अधिकतम दर का निर्धारण किया गया है। यह दर कोरोना मरीजों पर ही लागू होगा। इस दर का निर्धारण नीति आयोग भारत सरकार द्वारा निर्धारित दर एवं अन्य राज्यों में लागू दर के आधार पर निर्धारित किया गया है। यह अधिकतम दर है, इससे कम दर पर ईलाज करने के लिए अस्पताल स्वतंत्र है.

  • एबीजी- 400 रुपए
  • ब्लड शूगर-100 रुपए
  • डी-डाइमर लेबल-800 रुपए
  • हेमोग्राम- 800 रुपए
  • सीटी-चेस्ट- 500 रुपए
  • एक्स-रे चेस्ट- 500 रुपए
  • ईसीजी- 300 रुपए

 

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