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झारखण्ड: मुठभेड़ में ढेर हुआ पीएलएफआइ का कुख्यात रीजनल जोनल कमांडर बाजीराम महतो उर्फ बाजीराव सिंघम

झारखंड का आतंकी नक्सली संगठन पीएलएफआई का जोनल कमांडर बाजीराम महतो उर्फ बाजीराम सिंघम बुधवार देर रात पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारा गया.

रामगढ़ (झारखण्ड) : पुलिस को एक बार फिर बड़ी सफलता मिली है. दरअसल रामगढ़-बोकारो जिला सीमा क्षेत्र में बुधवार की देर रात पुलिस और उग्रवादियों के बीच मुठभेड़ हुई. कुजू ओपी के बड़कीटुंडी के जंगल में देर रात पुलिस और पीएलएफआई उग्रवादियों के बीच जमकर गोलीबारी हुई. जिसमें पीएलएफआइ उग्रवादी संगठन का कुख्‍यात रीजनल कमांडर बाजीराम महतो उर्फ बाजीराव सिंघम को पुलिस ने मार गिराया है. नक्‍सली बाजीराव महतो पिछले 10 वर्षों से पुलिस के लिए सरदर्द बना हुआ था.

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गुप्त सूचना के आधार पर हुई कार्रवाई

मिली जानकारी के अनुसार, रामगढ़ पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि लंबे समय से फरार चल रहा कुख्यात अपराधी बाजीराव सिंघम बड़कीटुंडी जंगल में छिपा हुआ है. इसके बाद जिला पुलिस की स्पेशल टीम ने कुज्जू ओपी क्षेत्र के नक्सल प्रभावित क्षेत्र बड़कीटुंडी को चारों तरफ से घेर लिया. अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए बाजीराम महतो और उनके साथियों ने पुलिस पर अंधाधुंध गोलियां चलानी शुरू कर दी, जवाबी कार्रवाई के दौरान पुलिस ने नक्सली बाजीराव महतो को ढेर कर दिया. जबकि अन्य साथी भागने में सफल रहे. मुठभेड़ के बाद बड़कीटुंडी जंगल में देर रात सर्च अभियान जारी था. पुलिस बाजीराम महतो के अन्य साथियों की तलाश कर रही है.

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CPI नेता बालेश्वर महतो की हत्या का दोषी

मिली जानकारी के अनुसार, बाजीराव महतो रामगढ़ और बोकारो के सीमावर्ती क्षेत्रों में काफी सक्रिय था. बाजीराम महतो उर्फ बाजीराम सिंघम ने 2009 में सीपीआई मजदूर नेता बालेश्वर महतो का अपहरण कर अपराध की दुनिया में कदम रखा था. हाल के दिनों में उसने कई उग्रवादी घटनाओं को अंजाम भी दिया था. 18 अक्टूबर को 2018 को उसने सीसीएल घाटो क्षेत्र के सीपीआइ नेता बालेश्वर महतो की लइयो में गोली मारकर हत्या कर दी थी. इसके अलावा बाजीराव महतो ने गोला प्रखंड प्रमुख सह आजसू नेता जलेश्वर महतो को उसके घर से अगवा कर 20 लाख रुपये की लेवी मांगी थी. गोला के ही कुलदीप साव का भी अपहरण कर रंगदारी वसूली थी. गोला के जलिया ठेकेदार की हत्या कांड में भी वह शामिल था. गोला के दर्जनों व्यासाइयो से हर माह मोटी रकम वसूलता था. विश्व प्रसिद्ध मां छिन्नमस्तिका मंदिर के पुजारियों से भी करोड़ों रुपए की रंगदारी मांगी थी. और अभी कुछ दिन पूर्व ही रजरप्पा थाना क्षेत्र के दुलमी में बाजीराव के दस्ते ने सड़क निर्माण में लगे क्लासिक कंपनी के 12 गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया था. पीएलएफआई नक्सली संगठन के जोनल कमांडर बाजीराम महतो उर्फ बाजीराम सिंघम के मारे जाने से पुलिस ने राहत की सांस ली है और क्षेत्र के लोगों को भी राहत मिली है.

दिन में पुलिस ने की थी घर की कुर्की

पीएलएफआई के रीजनल कमांडर बाजीराम महतो के लइयो स्थित घर की पुलिस ने बुधवार को ही कुर्की-जब्ती की थी. इस कार्रवाई के कुछ ही घंटे बाद रात में वह मुठभेड़ में मारा गया. बाजीराम के घर की कुर्की के बाद पुलिस ने पुख्ता जानकारी पाकर योजनाबद्ध तरीके से बड़कीडुंडी जंगल में सर्च अभियान शुरू किया. जिसके बाद पुलिस को सफलता मिली.

बाजीराव महतो उर्फ बाजीराम सिंघम शुरू में नक्सली संगठन माओवादी के लिए काम करता था. उसके बाद उसने अपना संगठन टाइगर बना लिया था. और फिलहाल वह पीएलएफआई का जोनल कमांडर के रूप में रामगढ़ जिले में आतंक मचा रखा था.

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लोगो के बीच था खौफ 

पीएलएफआई का जोनल कमांडर नक्सली बाजीराव महतो राज्य में आतंक मचा कर रखा हुआ था. खासकर रामगढ़, हजारीबाग और बोकारो जिला में कई अपराधिक घटनाओं को अंजाम देकर पुलिस को खुली चुनौती दे रहा था. पुलिस के लिए सर दर्द बना हुआ था और पूरे रामगढ़ जिला में दहशत फैला रखा था. उसके नाम से घाटो, गोला, कुज्जू, और मांडू क्षेत्र के ग्रामीण क्षेत्रों में दहशत फैला हुआ था. वह लगातार रामगढ़ जिला पुलिस को चुनौती देते हुए नए-नए अपराधिक वारदातों को अंजाम देकर निकल जाता था.

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