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पुलवामा हमले के बाद सरकार का सख्त कदम, छीनी 5 अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा

नई दिल्ली: पुलवामा में सुरक्षाबलों पर हमले के बाद सरकार ने कड़ा रवैया अपनाते हुए मीरवाइज समेत 5 अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा वापस लेने का ऐलान कर दिया है. जम्मू-कश्मीर के उच्चाधिकारियों के मुताबिक, अलगाववादी नेता मीरवाइज फारुख, अब्दुल गनी भट, बिलाल लोन, हाशिम कुरैशी और शबीर शाह को उपलब्ध सुरक्षा और वाहनों की सुविधा रविवार से वापस ले ली जाएगी.

अफसरों ने क्या कहा ? 

अफसरों के मुताबिक, अलगाववादी नेताओं को किसी भी कारणवश सरकार ने जो सुविधाएं उपलब्ध कराई हैं, उसे वापस लिया जाएगा. सूत्रों का यह भी कहना है कि 5 नेताओं के अलावा भी कोई अलगाववादी नेता होगा जिसे सरकारी सुरक्षा अथवा सुविधाएं उपलब्ध हैं तो प्रदेश पुलिस मुख्यालय इसकी समीक्षा करेगा और वह सुविधाएं तत्काल वापस ले ली जाएगी.

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वहीं पुलवामा हमले के बाद जम्मू कश्मीर के लोगों को अलग राज्यों में मिल रही खबरों को देखते हुए श्रीनगर स्थित सीआरपीएफ ने हेल्पलाइन नंबर जारी कर उनसे कहा कि यदि कोई भी कश्मीरी कश्मीर या पूरे देश में किसी भी तरह से खुद असुरक्षित महसूस कर रहें हैं तो सीआरपीएफ से तुरंत संपर्क करे. ‘मददगार हेल्पलाइन ने इस सिलसिले में एक ट्वीट कर कहा है कि इस समय राज्य से बाहर कश्मीरी छात्र और आम लोग उसके ट्वीटर हैंडल @सीआरपीएफ मददगार पर संपर्क कर सकते.

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पिछले साल फरवरी में जम्मू-कश्मीर विधानसभा में पेश रिपोर्ट के अनुसार अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा पर सालाना 10.88 करोड़ रुपए खर्च किए गए. यह राज्य में कई तरह की वीवीआईपी सुरक्षा पर खर्च होने वाले बजट का करीब 10% है. मीरवाइज उमर फारुख की सुरक्षा सबसे मजबूत है. उसकी सुरक्षा में डीएसपी रैंक के अधिकारी हैं. उसके सुरक्षाकर्मियों के वेतन पर पिछले एक दशक में 5 करोड़ रुपए से अधिक खर्च हो चुके हैं.

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