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बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को देशरत्न मार्ग स्तिथ बंगला नंबर पांच खाली करना होगा।हाई कोर्ट के मुख्य नयायाधीश एपी शाही और न्यायधीश अंजना मिश्रा की खंडपीठ ने सरकारी आवास के विवाद को लेकर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। जिसे सोमवार को सुनाया गया। लेकिन अभी तेजस्वी यादव के पास सुप्रीम कोर्ट जाने का विकल्प खुला है। ये बांग्ला तेजस्वी यादव को पिछली सरकार में बतौर उप मुख्यमंत्री आवंटित किया गया था। लेकिन नीतीश कुमार के अलग होने के बाद वो नेता प्रतिपक्ष बन गए, पर बंगला खाली नहीं किया। खंडपीठ ने कहा है कि नेता प्रतिपक्ष को पूर्व उप मुख्यमंत्री का बंगला रखने का अधिकार नहीं है. लेकिन कोई भी पूर्व मंत्री ये दावा नहीं कर सकता उसे मनमाफिक अवास मिले।
खंडपीठ ने साफ कहा है कि सरकार जो उचित समझती है वही मान्य होगा। गठबंधन की सरकार में तेजस्वी यादव उप मुख्यमंत्री रहते हुए इस बंगले में रहते थे। लेकिन सरकार गिरने के बाद उन्होंने बंगला खाली नहीं किया। इस बीच सरकार ने ये बंगला वर्तमान उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी को आवंटित कर दिया। 2016 से ही तेजस्वी इस बंगले में रहकर कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं।